Wednesday, 12 August 2015

अवसर

अवसर 
एक  village  में एक किसान रहता था वो रात दिन भगवन से प्रार्थना करता था की उसे आमिर बना दो |  एक बार रात को उसे एक सपना आया  जिसमे  एक पंडित ने उसे बताया की सुबह सूर्योदय से पहले नदी के किनारे तुम सबसे पहले जिस भैस की पूछ पकड़ो गे  वही भैस तुमको करोड़पति बना देगी |  सपने में यह बात सुनकर किसान को रात भर नींद नहीं आई सुबह जल्दी उठकर नहाकर सूर्योदय से पहले नदी किनारे जाकर खड़ा हो गया |

तभी अचानक उसे दूर से एक भैस आती हुई नज़र आई , मगर भैस काफी दुबली पतली थी , भैस को देखकर किसान के मन में लालच आ गई की यदि मै इस भैस की पूछ पकङु गा तो कही मै और कंगाल न हो जाउ | उसने सोचा थोड़ा और रुक जाता हु  हो सकता है अछि मोटी ताज़ी भैस आ जाय  | तभी अचानक उसे दूर से एक भैस आती हुई नज़र आई

किसान उस मोटी ताज़ी भैस को देखकर काफी खुश हुआ उसके मन में करोड़पति बनने की लालसा बढ़ गई पर  अफ़सोस की बात यह थी की जिस मोटी ताज़ी  भैस को देखकर वह खुश हो रहा था उस भैस की तो पूछ ही नहीं थी |

किसान जोर जोर से रोने लगा क्युकी उसके सामने से  करोड़पति बनने का अवसर निकल चूका था उसने भगवान से बोला हे प्रभु तुमने मुझे करोड़पति बनने का अवसर दिया पर मै उसे नहीं पहचान सका |

प्रेरणा :  दोस्तों इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है की भगवान हमें जीवन में success  होने के लिए अवसर देता है लेकिन हमारे आखो में लालच का अन्धकार होने से हम उन अवसर को नहीं पहचान पाते और उस किसान की तरह मोटी ताज़ी भैस का इन्तिज़ार करते रहते है 

अवसर एक भागते हुआ घोड़े की तरह होता है जो आपके सामने से भागता हुआ जाता है अगर आप उसे पहचान जाते है और उस पर सवार हो जाते है तो वह घोडा आपको आपकी मंज़िल तक पहुंचा देता है |

Tuesday, 14 April 2015

Success Story

भगवान बचाएगा !

एक समय की बात है किसी गाँव  में  एक  साधु रहता  था, वह  भगवान का बहुत बड़ा भक्त था और निरंतर एक पेड़ के नीचे  बैठ  कर  तपस्या  किया करता  था |  उसका  भागवान  पर  अटूट   विश्वास   था और गाँव वाले भी उसकी इज्ज़त करते थे|

एक बार गाँव  में बहुत भीषण बाढ़  आ  गई |  चारो तरफ पानी ही पानी दिखाई देने लगा, सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊँचे स्थानों की तरफ बढ़ने लगे | जब लोगों ने देखा कि साधु महाराज अभी भी पेड़ के नीचे बैठे भगवान का नाम जप  रहे हैं तो उन्हें यह जगह छोड़ने की सलाह दी| पर साधु ने कहा-

 ” तुम लोग अपनी  जान बचाओ मुझे तो मेरा भगवान बचाएगा!”

धीरे-धीरे पानी  का  स्तर बढ़ता गया , और पानी साधु के कमर तक आ पहुंचा , इतने में वहां से एक नाव  गुजरी|

मल्लाह ने कहा- ” हे साधू महाराज आप इस नाव पर सवार हो जाइए मैं आपको सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दूंगा |”

“नहीं, मुझे तुम्हारी मदद की आवश्यकता नहीं है , मुझे तो मेरा भगवान बचाएगा !! “, साधु ने उत्तर दिया.

नाव वाला चुप-चाप वहां से चला गया.

कुछ देर बाद बाढ़ और प्रचंड हो गयी , साधु ने पेड़ पर चढ़ना उचित समझा और वहां बैठ कर ईश्वर को याद करने लगा | तभी अचानक उन्हें गड़गडाहत की आवाज़ सुनाई दी, एक हेलिकोप्टर उनकी मदद के लिए आ पहुंचा, बचाव दल  ने एक रस्सी लटकाई  और साधु को उसे जोर से पकड़ने का आग्रह किया|

पर साधु फिर बोला-” मैं इसे नहीं पकडूँगा, मुझे तो मेरा भगवान बचाएगा |”

उनकी हठ के आगे बचाव दल भी उन्हें लिए बगैर वहां से चला गया |

कुछ ही देर में पेड़ बाढ़ की धारा में बह गया और साधु की मृत्यु हो गयी |

मरने  के  बाद  साधु महाराज स्वर्ग पहुचे और भगवान  से बोले  -. ” हे  प्रभु  मैंने  तुम्हारी  पूरी  लगन   के  साथ  आराधना की… तपस्या  की पर जब  मै  पानी में डूब कर मर  रहा  था  तब  तुम मुझे  बचाने  नहीं  आये, ऐसा क्यों प्रभु ?

भगवान बोले , ”  हे साधु महात्मा  मै तुम्हारी रक्षा करने एक  नहीं बल्कि तीन  बार  आया , पहला, ग्रामीणों के रूप में , दूसरा  नाव  वाले  के   रूप   में , और तीसरा ,हेलीकाप्टर  बचाव दल  के  रूप   में. किन्तु तुम मेरे  इन अवसरों को पहचान नहीं पाए |”



मित्रों, इस जीवन में ईश्वर हमें कई अवसर देता है , इन अवसरों की प्रकृति कुछ ऐसी होती  है कि वे  किसी  की प्रतीक्षा  नहीं  करते  है , वे  एक  दौड़ते  हुआ  घोड़े के सामान होते हैं जो हमारे सामने से तेजी से गुजरते हैं  , यदि हम उन्हें पहचान कर उनका लाभ उठा लेते  है  तो  वे  हमें   हमारी  मंजिल   तक  पंहुचा  देते  है, अन्यथा हमें बाद में पछताना ही पड़ता है|

धन्यवाद,

success

  Title  500 का नोट 

एक बार मैंने  class में student  को एक  game  खिलाया जिसमे मैंने  अपने हाथ में एक  500  का नोट लिया और  student  से पूछा की ये 500  का  नोट किसको चाहिए 
कुछ समय  के लिए  सभी student  shocked  हो गए मैंने students  से फिर से पूछा की ये 500  का  नोट किसको चाहिए तब कुछ student  ने अपना  हाथ ऊपर किया और बोला  सर ये नोट हमें  चाहिए |  

फिर मैंने 500  के नोट  को  ज़मीन पर गिरा दिया और उस पैर थोड़ी से धुल लगा  दी  और फिर student  से पूछा की ये अब ये  नोट किसको चाहिए तब कुछ student  ने अपना  हाथ ऊपर किया और बोला  सर ये नोट हमें  चाहिए |  

फिर मैंने 500  के नोट  को थोड़ा और गन्दा कर दिया और फिर student  से पूछा की ये अब ये  नोट किसको चाहिए तब कुछ student  ने अपना  हाथ ऊपर किया और बोला  सर ये नोट हमें  चाहिए |  

प्रेरणा :  दोस्तों इस 500  के नोट से हमें ये प्रेरणा मिलती है की जिस प्रकार से 500  के नोट के ऊपर कितनी मुसीबते आई उसके बाऊजूद उसकी वैल्यू और उसकी डिमांड में कोई फरक नहीं हुआ उसी  प्रकार से यदि  हमारे ऊपर कितनी भी मुसीबते आ जाए , दुनिया कितना भी मज़ाक उडाय  उन सभी परिस्थितिओं में हमें अपना  confidence , अपनी  value और अपनी ऊपर विश्वास कभी काम नहीं होने देना  चाहिए |  

                                  दुनिया जितना मज़ाक उड़ाती है  ||
                                  तक़दीर उतना जगमगाती है 
                                  हो जाता है जब रहम ख़ुदा का ||
                                  ज़िंदगी पल में बदल जाती है